दिनांक 19-03-2018 को डी.ए.वी. पी.जी. काॅलेज परिसर में संस्कृत भारती के तत्वावधान में दस दिवसीय ‘सरल संस्कृत संभाषण‘ शिविर का उद्घाटन महाविद्यालय के संस्कृत विभाग में किया गया, जिसमंे महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा माँ सरस्वती को माल्यार्पण एवं दीप-प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। अतिथियों का स्वागत डाॅ. लल्लन प्रसाद जायसवाल ने एवं कार्यक्रम का संचालन डाॅ. मिश्री लाल ने किया। शिविर के प्रशिक्षक डाॅ. शेषनारायण त्रिपाठी ने बताया कि संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार हेतु सर्वत्र अनुकूलता आ गई हैं आवश्यकता केवल जन-जन के जागरूकता की है। उ0प्र0 संस्कृत संस्थान द्वारा चल रहे संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार हेतु प्रत्येक जनपद में प्रत्येक डायट एवं बीआरसी पर दो-दो संस्कृत भाषा के शिक्षक रखे जाने हैं, जिसका जोर शोर से लखनऊ में प्रशिक्षण कार्य चल रहा है। प्रत्येक जनपद में एक जवाहर नवोदय विद्यालय पैटर्न पर आवासीय संस्कृत विद्यालय खोले जाने हैं, जिसमें विद्यार्थियों को संस्कृत माध्यम से सभी विषयों का शिक्षण किया जाना है।
आवश्यकता हम लोगों के तैयारी की है। ताकि संस्कृत आंदोलन के इस श्रृंखला मंे हम भी एक मजबूत घटक बनकर उभरे एवं संस्कृत भाषा को जनभाषा बनाएँ। संस्कृत भाषा की सेवा का स्वर्णिम अवसर प्राप्त करने का सौभाग्य मिले। इस अवसर पर महाविद्यालय के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष तथा डाॅ. माधवी तिवारी एवं स्नातक स्तर के छात्र उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन शान्ति मंत्र के साथ हुआ। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. पूनम सिंह ने किया। यह शिविर दस दिन (दिनांक 19 मार्च 2018 से 29 मार्च 2018) तक चलेगा।
डी ए वी पी जी कॉलेज एवं राष्ट्रीय नाटय विद्यालय नई दिल्ली ( NSD )के सँयुक्त तत्वावधान में दिनांक 20 ,21 स्थान – पी एन सिंह यादव मेमोरियल हॉल में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी जिसका विषय है “शकुन्तला का अभिज्ञान” जिसमें बोधायन रचित नाटय कृति भगवतज्जुकीयम पर नाटय अभिनय का प्रदर्शन एन एस डी की टीम द्वारा किया