आज दिनांक 26 नवम्बर 2021 को संविधान दिवस के अवसर पर डी.ए.वी.पी.जी.कॉलेज (बीएचयू) वाराणसी के राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा एक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस व्याख्यान का सञ्चालन रिपब्लिका फोरम के तहत विद्यार्थियों ने किया।प्रोफ़ेसर नम्रता सिंह, मिरांडा हाउस, दिल्ली विश्वविद्यालय ने इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय आन्दोलन और संविधान निर्माण में महिलाओं की भागीदारी विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये। उन्होंने कहा कि आज 71 सालों के बाद भी हमारा संविधान उतना ही प्रासंगिक है जितना उस समय था, यह तथ्य उस दौर के संविधान निर्मात्री सभा के सदस्यों की दूरदर्शिता को दिखाता है। प्रोफ़ेसर सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता आन्दोलन और संविधान निर्माण में महिलाओं ने सक्रिय रूप से आगे बढ़ कर हिस्सा लिया था। उस दौर में महिलाएं सड़कों पर ही नहीं घरों में रहकर भी बच्चों और आस पडौस में राष्ट्रीय एकता और स्वतंत्रता के विचारों का प्रसार कर रही थी। महिलाएं उस काल में महात्मा गाँधी और अन्य महापुरुषों पर गीत गाया करती थी। वक्ता ने आगे बताया कि संवैधानिक सभा में 15 महिला सदस्य थी जबकि भारत की साक्षरता दर मात्र 9 प्रतिशत ही थी. संवैधानिक सभा में शाही और सभ्रांत परिवारों के अलावा दलित और पिछड़े परिवारों की महिलाओं की भी भागीदारी रही थी। उस दौर में महिलाओं ने अपनी लेखनी के माध्यम से स्वतंत्रता आन्दोलन में अहम् भूमिका निभाई थी। प्रोफ़ेसर सिंह ने सरोजनी नायडू, विजयलक्ष्मी पंडित, लीना रॉय, कमला चौधरी, मालती चौधरी, पूर्णिमा बनर्जी, राजकुमारी अमृत कौर, रेणुका रे, सुचेता कृपलानी, एनी मेस्करन आदि महिलाओं की राष्ट्रीय आन्दोलन और संविधान निर्माण में अतुलनीय योगदान पर विस्तार से चर्चा की। आयोजन के अंतिम कड़ी में प्रश्न उत्तर का समय दिया गया जिसमें कई बच्चों ने संबंधित सवाल पूछे, इस प्रश्नोत्तरी में शामिल सवाल काफी व्यवहारिक थे एवं वक्ता ने हर प्रश्न का उत्तर काफी सुसज्जित तरीके से एवं संतोषप्रद उत्तर दिया।इस व्याख्यान में विभाग की अध्यक्षा डॉ. स्वाति सुचरिता नंदा, डॉ. राकेश कुमार मीना, एवं डॉ. प्रतिमा गुप्ता उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त इस कार्यकरण में बी एच यू के राजनीति विज्ञान विभाग से डॉ प्रियंका झा, वसंत महाविद्यालय से डॉ पुनीता और सरोज उपाध्याय भी इस कार्यक्रम से जुडी थी। इस व्याख्यान में करीब 75 विद्यार्थियों ने भाग लिया।
डीएवी पीजी कॉलेज वाराणसी ‘रिपब्लिका फोरम’ के द्वारा 25 जनवरी, मतदाता दिवस के शुभ अवसर पर एक ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।आयोजन में मुख्य अतिथि एवं वक्ता मोहनलाल सुखाड़िया, विश्वविद्यालय, उदयपुर, राजस्थान के राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर एवं भारतीय चुनाव से संबंधित शोधकर्ता डॉ संजय लोढा रहे। इस आयोजन का संचालन राजनीति विज्ञान विभाग के शिक्षक डॉ. राकेश मीणा के द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. लोढ़ा के स्वागत एवं तत्पश्चात उनके वक्तव्य से हुआ। डॉ. लोढ़ा ने अपने वक्तव्य में वर्तमान चुनाव में मतदाताओं के भागीदारी के संदर्भ में अनेक महत्वपूर्ण बातों का वर्णन किया उन्होंने बताया कि वर्तमान में भारतीय लोकतंत्र में मतदाताओं की भागीदारी में महत्वपूर्ण वृद्धि देखने को मिल रही है, खास बात यह है कि आज महिलाएं इसमें पीछे नहीं है इसके साथ-साथ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चुनाव के तीनों स्तरों आम चुनाव, विधानसभा चुनाव व स्थानीय स्वशासन के चुनाव तीनों में आज मतदाता अत्यधिक जागरूक हो रहे हैं, एवं मतों की मूल्यों को समझ रहे हैं। इसके साथ-साथ उन्होंने यह कहा की यद्यपि मतदान अधिकार एक मौलिक अधिकार नहीं है किंतु यह एक नागरिक अधिकार है, अतः इसका सही, एवं विवेकपूर्ण उपयोग, हम सभी नागरिकों की प्रथम कर्तव्य होनी चाहिए। इसके साथ-साथ भारतीय चुनावो को अत्याधिक समावेशी, सुगम व सहभागी बनाना हमारा एवं हम सभी का प्रयास होना चाहिए।इस कार्यक्रम में अन्य शिक्षक जैसे राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. स्वाति सुचारिता नंदा, डॉ. प्रियंका सिंह, डॉ. प्रतिमा गुप्ता एवं अन्य मौजूद रहे। कार्यक्रम में उपस्थित अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ अनूप मिश्र ने भी अपने वक्तव्य से सभी को लाभान्वित किया। यह कार्यक्रम और समावेशी बनाने हेतु यहां उपस्थित छात्र एवं छात्राओं को भी अपने वक्तव्य रखने एवं प्रश्न पूछने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, इस क्रम में आशीष, अरविंद, अनु, मृणाल, अमर जैसे विद्यार्थियों ने अपनी वक्तव्य को रखा एवं एवं प्रश्न पूछे।कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष स्वाति सुचारिता नंदा के द्वारा किया गया एवं उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में ऐसे और कार्यक्रमों के आयोजन की जाए एवं कार्यक्रम को समावेशी बनाया जाए।