दिनांक 29/12/2020 को 12:00 बजे अपराह्न प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग, डी.ए.वी.पी.जी. कॉलेज, वाराणसी (सम्बद्ध काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) द्वारा विभाग के परास्नातक के छात्र/छात्राओं के उन्नयन हेतु संचालित छात्र मंच “संस्कृति” कार्यक्रम का आयोजन ऑनलाइन माध्यम से किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के तौर पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के शोध छात्र व डी.ए.वी.पी.जी. कॉलेज, वाराणसी के पुरा छात्र श्री दिवाकर तिवारी शामिल हुए और कार्यक्रम में सम्मिलित छात्र/छात्राओं का महत्वपूर्ण दिशानिर्देशन किया। अपने व्याख्यान में श्री तिवारी ने इतिहास, पुरातत्व एवं भारतीय संस्कृति विषय से नेट/जे आर एफ परीक्षा की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को जागरुक किया और इस सन्दर्भ में सहायक पाठ्य पुस्तकों व लक्ष्य आधारित पाठ्य तकनीकि और साथ ही अपने विषय में शोध से होने वाले लाभों की भी चर्चा की l इस ऑनलाइन कार्यक्रम का संचालन विभाग के वरिष्ठ अध्यापक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने किया। स्वागत भाषण विभागाध्यक्ष डॉ. प्रशांत कश्यप ने दिया। कार्यक्रम के अंत मे डॉ. ओम प्रकाश कुमार ने सभी का आभार व्यक्त किया तथा डॉ. सीमा ने कार्यक्रम के औपचारिक समापन की घोषणा की। इस अवसर पर विभाग के अन्य सहयोगी अध्यापक डॉ. आशुतोष कुमार सिंह तथा डॉ. शशिकांत सिंह के साथ ही विभाग के शोध छात्र व परास्नातक के छात्र-छात्राएं भी मौजूद रहे।
दिनांक 24/02/2020 को 12:00 बजे अपराह्न प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग, डी.ए.वी.पी.जी. कॉलेज, वाराणसी (सम्बद्ध काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) द्वारा विभाग के परास्नातक के छात्र/छात्राओं के उन्नयन हेतु संचालित छात्र मंच “संस्कृति” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का केंद्रीय विषय था – ऐतिहासिक अध्ययन की उपयोगिता l इस कार्यक्रम में विभाग के परास्नातक के छात्र/छात्राओं ने कुछ सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी दीं और साथ ही ऐतिहासिक अध्ययन की उपयोगिता विषय पर सम्मिलित रूप से विचार विमर्श भी किया l इस ऑनलाइन कार्यक्रम का संचालन विभाग के वरिष्ठ अध्यापक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने किया। स्वागत भाषण विभागाध्यक्ष डॉ. प्रशांत कश्यप ने दिया। कार्यक्रम के अंत मे डॉ. ओम प्रकाश कुमार ने सभी का आभार व्यक्त किया तथा डॉ. सीमा ने कार्यक्रम के औपचारिक समापन की घोषणा की। इस अवसर पर विभाग के अन्य सहयोगी अध्यापक डॉ. आशुतोष कुमार सिंह तथा डॉ. शशिकांत सिंह के साथ ही विभाग के शोध छात्र व परास्नातक के छात्र-छात्राएं भी मौजूद रहे।