प्रोफ़ेसर मैनेजर पाण्डेय

पूर्व अध्यक्ष भारतीय भाषा केन्द्र,भाषा संस्थान,जवाहर लाल नेहरू विश्व विद्यालय,नई दिल्ली

मेरे लिए गर्व और गौरव का विषय है कि मैं डी.ए.वी डिग्री कॉलेज का छात्र रहा हूँ। मैं उस समय के शिष्य वत्सल  एवं तेजस्वी गुरुजनो में डॉ. शितिकंठ मिश्र , डॉ.अष्टभुजा पाण्डेय , पंडित रामबली पाण्डेय और श्री अलख नारायण राय जैसे विलक्षण व्यक्तित्व के धनी आचार्य थे। इन सभी आचार्यों के अप्रतिम व्यक्तित्व से उपजी प्रज्ञा चेतना का विकास मेरी जीवन यात्रा में हुआ और निरंतर विकसित हुआ। इस महाविद्यालय से जुड़े सभी लोगो के प्रति मैं कृतज्ञता ज्ञापित करता हूँ।

प्रोफेसर महेन्द्र नाथ राय

पूर्व अध्यक्ष हिंदी विभाग एवं प्रमुख कला संकाय , काशी हिन्दू विश्व विद्यालय

1965 -66 एवं 1966 -67 के दो वर्षों की अवधि तक मैं इस महाविद्यालय का छात्र था एवं सर्वोच्च अंको के साथ मैंने बी.ए. की कक्षा उत्तीर्ण की थी।  मैं उस समय के शिष्य वत्सल  एवं तेजस्वी गुरुजनो में डॉ. शितिकंठ मिश्र , डॉ.अष्टभुजा पाण्डेय , पंडित रामबली पाण्डेय और श्री अलख नारायण राय जैसे लोग थे। इन आचार्यों के अनुरोध पर कभी हम छात्रों के बीच पंडित हजारी प्रसाद द्विवेदी एवं डॉ. श्री कृष्ण लालजी के अभिभाषण हुए थे। इन सभी आचार्यों के पवित्र संसर्ग और इनके पवित्र व्यक्तित्व से अपने प्रज्ञा - चेतना का ही उत्तरवर्ती विकास मेरी अगली जीवन यात्रा में हुआ और उस पर शान और धार चढ़ी। हमारे पास पवित्र दायित्व है कि अपने इन गुरुजनो की यश:कीर्ति को अपने किसी आचरण एवं व्यवहार  व्यक्तित्व से हम धूमिल न होने दें। अपने  प्राचार्य कृष्णानन्द जी  के काव्य शास्त्रीय अद्ध्ययन  एवं अद्धभुत व्यक्तित्व कि स्मृति आज भी मेरी चेतना में बरकरार है।

डॉ देवी प्रसाद द्विवेदी

पद्मभूषण,आचार्यरत्न, छत्रपति शिवाजी सम्मान, काशी गौरव अलंकरण, वेद पंडित पुरस्कार

सत्र 75-76 में मैं स्नातक में अध्यन के लिये इस महाविद्यालय में नियमित छात्र के रूप में प्रवेश लिया संस्कृत ,हिंदी ,समाज शास्त्र , विषय के साथ एन.सी.सी. कडेट के रूप में प्रतिदिन विद्यालय में आता था। उस समय विद्यालय छोटे स्वरूप में था वर्तमान में विद्यालय ने बड़ा एवम्‌ साधक स्वरूप ले लिया है पढाई की दृस्टि से उस समय इस विद्यालय में स्नातक कक्षा तक पढ़ाई होती थी आज स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई उच्च कोटि के विद्द्वानों द्वारा अध्ययन एव अध्यापन चल रहा है। विद्यालय एक साधक स्वरूप ले लिया है ये सब का श्रय प्रो सत्यदेव सिंह को जाता है|  प्रो सिंह बुद्धिमति प्रतिभा के साथ एक महापुरुष है वाराणसी का यह दयानन्द महा विद्यालय उच्चकोटि का शिक्षण संस्थान है।

Mr. Anurag Singh

PROCESS ASSOCIATE in ‘Banking & Finance' for NATIONWIDE BUILDING SOCIETY, UNITED KINGDOM

I still do not forget that day when I joined the DAV Post Graduate College. A small campus where students from Faculty of Arts, Faculty of Social Sciences and Faculty of Commerce studied together. I did not know what this college would be like, but also due to my affiliation with Banaras Hindu University, I got the same admission. Here, along with graduation, undergraduate diploma in computer application was also studied, which was probably a good thing for me.