प्रवेश, पाठ्य-निर्धारण एवं प्रमाण-पत्र

उपर्युक्त पाठ्यक्रम ‘प्रयोजनमूलक हिंदी पत्रकारिता’ विश्वविद्यालय अनुदान आयोग प्रायोजित नियमों के अंतर्गत एक ‘त्रिवर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम’ है जिसमे स्नातक स्तर के विद्यार्थी प्रवेश ले सकेंगे. संपूर्ण पाठ्यक्रम कुल छ: सत्रों (सेमेस्टर) व तीन वर्षो का होगा. संक्षेप में इसका स्वरुप अधोलिखित है.
  • प्रथम वर्ष (दो सेमेस्टर) – सर्टिफिकेट कोर्स
  • द्वितीय वर्ष (दो सेमेस्टर) – डिप्लोमा कोर्स
  • तृतीय वर्ष (दो सेमेस्टर) – एडवांस डिप्लोमा कोर्स
इस प्रकार कुल तीन वर्ष और छ: सत्रों में पाठ्यक्रम का संचालन होगा. प्रत्येक वर्ष का पाठ्यक्रम २० क्रेडिट का होगा इस प्रकार तीन वर्ष और छ: सत्रों में कुल प्रश्नपत्र ६० क्रेडिट का होगा. प्रत्येक कोर्ष का सम्बन्ध पूर्वापर के साथ ही स्वतंत्र भी होगा. इसमे प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी को प्रथम वर्ष में ‘ सर्टिफिकेट कोर्स ‘ का दूसरे वर्ष में ‘ डिप्लोमा कोर्स ‘ का तथा तीसरे वर्ष में ‘ एडवांस डिप्लोमा कोर्स ‘ का प्रमाण पत्र दिया जाएगा |

प्रश्नपत्र एवं अंक निर्धारण

प्रस्तुत डिप्लोमा पाठ्यक्रम ‘ प्रयोजनमूलक हिंदी पत्रकारिता ‘ के प्रत्येक कोर्स सर्टिफिकेट/डिप्लोमा/एडवांस डिप्लोमा के कुल तीन प्रश्नपत्र होंगे | प्रत्येक सैद्धांतिक प्रश्नपत्र ०६ क्रेडिट और १०० अंको का होगा जिसमे ७० अंक  लिखित मूल्यांकन के लिए तथा ३० आंतरिक मूल्यांकन के लिए रखे गए है |
प्रत्येक कोर्स में ८ क्रेडिट और १०० अंक प्रोजेक्ट वर्क/फील्ड वर्क/ट्रेनिंग/असाइनमेंट तथा मौलिक मूल्यांकन हेतु रखे गए है | प्रत्येक सैद्धांतिक प्रश्नपत्र में ०३ इकाईयाँ है | इसमे सैद्धांतिक और प्रयोगात्मक दोनों तरह का पाठ्यक्रम समाहित है , ताकि विद्यार्थी पठन – पाठन के साथ ही साथ प्रयोजनमूलक हिंदी पत्रकारिता के क्षेत्र में सैद्धांतिक तथा व्यावहारिक दोनों ही रूपों में शिक्षित – प्रशिक्षित हो सके |
इस तरह उपर्युक्त पाठ्यक्रम अंक – निर्धारण हो सके –
  • लिखित मूल्यांकन –    ७० अंक
  • आतंरिक मूल्यांकन – ३० अंक
  • एक प्रश्नपत्र का पूर्णांक – १०० अंक
  • फील्ड वर्क/प्रोजेक्ट वर्क/ट्रेनिंग /असाइनमेंट,मौखिक  – १०० अंक
  • वार्षिक (प्रत्येक वर्ष ) –    (१०० X ०३=३०० अंक)
उक्त में फील्ड वर्क/ प्रोजेक्ट वर्क/ ट्रेनिंग / असाइनमेंट के लिए ५० अंक तथा ५० अंक मौखिक मूल्यांकन के लिए रखे गए है |
वाराणसी। डीएवी पीजी कॉलेज में कैरियर ओरिएंटेड कोर्स के रूप में संचालित प्रयोजनमूलक हिन्दी पत्रकारिता द्वारा दिनांक 24 अक्टूबर, दिन गुरुवार को नवप्रवेशी विद्यार्थियों के लिए ओरिएन्टेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार अरविंद मिश्र हर्ष ने पत्रकारिता कल, आज और कल विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता सागर की लहरों की भाँति है, इसका भविष्य चुनौतियों से भरा हुआ तो है लेकिन असीम संभावनाओं के साथ। समय के साथ पत्रकारिता के स्वरूप में भी काफी बदलाव आया है, जिसमे पत्रकार को हर विधाओं से अवगत होना बेहद आवश्यक हो गया है। अब पत्रकार स्वयं को क्षेत्र विशेष तक सीमित नही रख सकते, उन्हें डिजिटली सशक्त होना होगा। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता में कल्पनाशीलता का बहुत महत्व है, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने समाचारों के प्रकाशन से पूर्व तथ्यों की सत्यता को कई स्तर पर जाँचने की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने यह भी बताया कि पत्रकारिता का क्षेत्र सिर्फ मीडिया तक सीमित नही है, इसमें विज्ञापन, जनसम्पर्क, अकादमिक जैसे क्षेत्रों में भी कैरियर बना सकते है। विशिष्ट वक्तव्य देते हुए महाविद्यालय के प्रबंधक अजीत कुमार सिंह यादव ने कहा कि मीडिया को लोकतंत्र का चैथा स्तम्भ यूहीं नही कहा जाता है, इसकी समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियां है। समाज के हर वर्ग की आज यदि किसी से सबसे अधिक अपेक्षा है तो वह मीडिया ही है। अध्यक्षता करते हुए कार्यकारी प्राचार्य प्रो. सत्यगोपाल जी ने कहा कि पत्रकारिता सूचना और ज्ञान को प्रसारित करने का सबसे श्रेष्ठ माध्यम है, यह लोगों को जागरूक और जिम्मेदार बनाती है। पत्रकारिता में अनुभव काफी मायने रखता है। सम्पूर्ण मानवीय समाज मे जागरूकता लाने के लिए पत्रकारिता की भूमिका काफी अहम हो जाती है। आने वाले समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से पत्रकारिता में व्यापक बदलाव आने वाला है। विशिष्ट अतिथि युवा पत्रकार विकास यादव ने भी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम का संयोजन पाठ्यक्रम समन्वयक प्रो. पूनम सिंह ने किया। स्वागत डॉ. नीलम सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रो. मधु सिसोदिया ने दिया। इस अवसर पर उपाचार्य प्रो. मिश्रीलाल, प्रो. संगीता जैन, डॉ. हबीबुल्लाह, डॉ. स्वाति सुचरिता नन्दा, श्री प्रताप बहादुर सिंह आदि सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।