KULGEET
परम मनोरम पवित्र सुन्दर, यह आर्य विद्या का भव्य मंदिर ।
यह भक्ति-मुक्ति की भूमि काशी । सकल कला ज्ञान की प्रकाशी ॥ चरण को धोती है जिसके गंगा, यह ज्ञान-गंगा का भव्य मंदिर । परम मनोरम ॥
यह संत-भक्तों की जन्मभूमि । यह कर्मवीरों की कर्मभूमि ॥ हुई निनादित है वेदवाणी, यह वेद विद्या का भव्य मंदिर । परम मनोरम ॥
ऋषि दयानंद की है ये शिक्षा । यही यहाँ की पवित्र दीक्षा ॥ पुरातनूतन का हो समागम, यह सर्व विद्या का भव्य मंदिर । परम मनोरम ॥
‘महामना’ के पथानुरागी । तपी, व्रती, विज्ञ, वीतरागी ॥ यह रामनारायण, गौरीशंकर के दिव्य सपनों का भव्य मंदिर । परम मनोरम ॥
असत् से सत् को गमन करें हम् । हे देव! तुझको नमन करें हम् ॥ जयी हों जग में, सुकीर्ति फैले, यह सत्य शिक्षा का भव्य मंदिर ।
परम मनोरम पवित्र सुन्दर, यह आर्य विद्या का भव्य मंदिर ।